बिहार में अब मदरसा की शिक्षा पर सियासत तेज हो गई है.भाजपा खेमे के दो मंत्रियों ने मदरसा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.आरोप लगाया है कि वहां देशविरोधी शिक्षा दी जाती है. एक धर्म के खिलाफ पढ़ाया जाता है. मदरसों में बिहार के स्कूलों की तरह पढ़ाई कराए जाने एवं उनकी निगरानी की मांग की है.वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार बबलू ने आरोप लगाया है कि मदरसों में देश विरोधी शिक्षा दी जाती है.उनके बयान का मंत्री जीवेश मिश्रा ने भी समर्थन कर दिया है. इससे एक बार फिर बिहार की सियासत गरमा गई है.जदयू विधान पार्षद खालिद अनवर ने इसको लेकर कड़ा एतराज जताया है.कांग्रेस ने भी इस मामले में मुख्यमंत्री से दखल देने की मांग की है.
हिंदुस्तान विरोधी शिक्षा दी जाती है मदरसे में
बिहार सरकार के मंत्री नीरज बबलू ने कहा कि मदरसों में एजुकेशन सिस्टम नहीं है.वहां कुछ और ही पढ़ाई जाती है.धार्मिक बातें पढ़ाई जाती है.वहां हिंदुस्तान के खिलाफ पढ़ाया जाता है.बच्चों के दिमाग में भरा जाता है कि यह देश हमारा नहीं है.इस देश में हमे गलत तरीके से देखा जाता है.हमें सम्मान नहीं मिलता.तरह-तरह की देश विरोधी बातें बताई जाती है.मदरसे को संचालित करने के लिए राज्य सरकार पैसे देती है लेकिन उन्हीं पैसे से देश विरोधी बातों की शिक्षा दी जाए और एक धर्म विशेष के खिलाफ बच्चों के मन में जहर भरा जाए, यह बिहार ही नहीं देश के लिए भी ठीक नहीं है.उन्होंने मदरसों की निगरानी की मांग की है.कहा है कि बिहार सरकार के स्कूलों की तरह वहां का भी एजुकेशन सिस्टम हो.ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले.वहां सिर्फ मौलाना ही क्यों पढ़ाएं.
काम्यूनल आधार पर शिक्षा का औचित्य नहीं
श्रम मंत्री जीवेश मिश्रा ने नीरज बबलू के बयान का समर्थन किया है.उन्होंने कहा कि शिक्षा का व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए। हमारा पाठ्यक्रम समभाव के सिद्धांत पर चलता है.हम मदरसा के खिलाफ नहीं हैं लेकिन यह भी देखना चाहिए कि वहां पढ़ाई कैसी होती है.काम्यूनल आधार पर शिक्षा का कोई औचित्य नहीं है.जीवेश मिश्रा ने कहा कि जब भी कोई अप्रिय घटना होती है, उसका कनेक्शन मदरसा से निकल जाता है.कई मदरसे ऐसे हैं जहां देश विरोधी और नफरत फैलाने वाली बातें पढ़ाई जाती है.
बेतुकी बातें करते हैं ये लोग
भाजपा के दो नेताओं के इस बयान पर जदयू और कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। जदयू के विधान पार्षद खालिद अनवर ने कहा कि जो लोग बेतुकी बातें करते हैं वे जानते नहीं हैं। वे गरीबों की शिक्षा के खिलाफ हैं। उनका सिलेबस बहुत अच्छा है। उसपर उंगली उठाना सूरज को चिराग दिखाने के बराबर है।